क्राइम
अमेरिकी नागरिकों को ठगने वाले कॉल सेंटर का Noida में खुलासा, 12 आरोपी गिरफ्तार
एंटीवायरस सॉफ्टवेयर (Antivirus Software) के नाम पर अमेरिकी नागरिकों से ठगी करने वाले कॉल सेंटर का नोएडा पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस ने 12 आरोपियों को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया । गिरोह का Mastermind चंदर शेख अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। आरोपी अमेरिका, कनाडा और इंग्लैड समेत अन्य देशों के नागरिकों को कॉल करके 100 डॉलर में एंटीवायरस सॉफ्टवेयर बेच देते थे। कॉल सेंटर (Call Centre) बिना लाइसेंस के चल रहा था।
क्या है पूरा मामला
एडिशनल डीसीपी (ADCP) मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि गुरुवार रात को मुखबिर से सूचना मिली कि सेक्टर दो में विदेशी नागरिकों से ठगी करने वाला कॉल सेंटर (Call Centre ) संचालित हो रहा है। इसके बाद पुलिस ने मुखबिर द्वारा बताए गए ठिकाने पर छापा मारा और वहां काम कर रहे 12 आरोपियों को दबोच लिया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह विदेशी नागरिकों को कॉल कर बताते हैं कि उनकी कंपनी के पास एमकैफी नॉर्टन नामक एंटीवायरस सॉफ्टवेयर है। यह सॉफ्टवेयर लैपटॉप व कंप्यूटर में आने वाली समस्याओं का समाधान करता है। आरोपी विदेशी नागरिकों से एंटीवायरस सॉफ्टवेयर बेचने के नाम पर 100 डॉलर लेते थे और एक साल तक सेवा देने का दावा करते थे। इसके बाद लिंक उनकी ईमेल पर भेजकर पैसे ठगते थे। जैसे ही पैसा आरोपियों को मिल जाता था वह सेवा चंद दिन में ही रोक देते थे। आरोपियों द्वारा बगैर किसी लाइसेंस के फर्जी रूप से कॉल सेंटर चलाया जा रहा था। सेक्टर दो के सी ब्लॉक में संचालित कॉल सेंटर से दबोचे गए आरोपियों की पहचान मणिपुर के प्रदीप कुमार प्रधान, कानपुर के अविरल गौतम, पंजाब के ऋषभ शुक्ला, बनारस के अली हसन, बहराइच के अनुराग तोमर, झारखंड के हरेंद्र चौधरी, दिल्ली के मोहम्मद राजू, हिमाचल प्रदेश के संदीप कुमार, कुशीनगर के दीपक शर्मा, देवरिया के सौरभ कुमार, पटना के साकेत और संगम विहार के शिवम के रूप में हुई है। इनके कब्जे से 14 डेस्कटॉप, इतने ही कीबोर्ड, माउस और सीपूयी, 14 हेडफोन, एक वाईफाई, एक राउटर और दो सर्वर समेत अन्य सामान बरामद हुआ है।
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एक साल से कर रहे थे ठगी
पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी बीते एक साल से ठगी का कॉल सेंटर संचालित कर रहे थे। आरोपी पैसा गिफ्ट कार्ड या बिट क्वाइन के जरिए लेते थे। यूनिक कोड के जरिए एक बार पैसा रीडिम होने पर ये कॉल को डिस्कनेट कर देते थे। इनके पास यूएसए नागरिकों का डाटा था। जिनको सर्वर के जरिए ये कॉल करते थे। इसके बाद उन्हीं की ई मेल पर एक लिंक भेजा जाता था। इस लिंक को क्लिक करते ही प्रोसेसिंग फीस के रूप में विदेशी नागरिक पैसा जमा करते। जब वो साफ्टवेयर डाउनलोड करते तो वो फेक होता था। आरोपियों की कॉल डटेल और बैंक स्टेटमेंट चेक किए जा रहे है। इससे पहले भी नोएडा में यूएसए के नागरिकों के साथ ठगी करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है .
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