क्राइम
Cyber Fraud की एक कॉल कर देगी आपके दिमाग को ‘सुन्न’, जानिए क्या है ‘साइकोलॉजिकल सुन्न’
देशभर में साइबर क्राइम बढ़ता ही जा रहा है। साइबर अपराधी अपराध के नए-नए तरीके ढूंढ रहे हैं। जिसमें से एक तरीका दिमाग को ‘साइकोलॉजिकल सुन्न’ है। साइबर क्राइम का ये तरीका देश में तेजी से फैल रहा एक तरह का नया ट्रेंड है। इस तरीके के मुताबिक साइबर ठग कुछ ऐसा माहौल बनाते हैं जिसमें आपको किसी भी तरह के शक की कोई गुंजाइश ही न रहे। दिल्ली एनसीआर में फ़ेडेक्स कूरियर के नाम पर ऐसे केस काफी बढ़ने लगे हैं। इस अपराध की जांच के दौरान हमारी एक विक्टिम से मुलाकात हुई। इनका नाम अजय है। ये पंजाबी बाग में अपने परिवार के साथ रहते हैं। वे गुरुग्राम में एक IT Company में असिस्टेंट मैनेजर पद पर हैं। इन्होंने अपने साथ हुई पूरी कहानी.. विस्तार से बताई।
पार्सल रोकने के नाम पर ठगी
14 मार्च का दिन था। मैं घर पर ही था। ऑफिस में किसी से फोन पर बात कर रहा था। तभी अचानक मेरे मोबाइल पर 11:22 बजे एक कॉल आती है। कॉल रिसीव करते हुए एक मेसेज सुनाई देता है कि आपका एक पार्सल रोक लिया गया है.. अधिक जानकारी के लिए 1 दबाएं। मैंने उनके कहे अनुसार ही किया और एक दबा दिया। बटन दबाते हुए दूसरी तरफ कॉल पर एक शख्स कनेक्ट हुआ। वह बोला ‘मैं फ़ेडेक्स कस्टमर सर्विस से बात कर रहा हूं… आपने जो मुंबई से कनाडा पार्सल भेजा है, उसे नारकोटिक्स डिपार्टमेंट ने अपने पास जब्त कर लिया है’। जैसे ही मैंने ये सुना मैं चौंक गया। ना तो मैंने कोई पार्सल भेजा और ना ही मेरा कोई मुंबई से वास्ता है। मुझे लगा शायद अमेजॉन या फ्लिपकार्ट का कोई ऑर्डर तो नहीं है, यही सोचकर मैं उससे बात करने लगा।
ALSO READ: Cyber Crime की रिपोर्टिंग के लिए गृह मंत्रालय ने जारी किया नया हेल्पलाइन नंबर, अब 155260 की जगह 1930 नंबर पर करें कॉल
मैंने उनसे कहा- मैंने ऐसा कोई पार्सल नहीं भेजा है। फिर उसने मुझे सेंडर एड्रेस में लिखा हुआ नाम, मोबाइल नंबर और पता कोलाबा मुंबई का बताया। साथ ही यह भी बताया कि पार्सल पैकेट कनाडा में किसी मंजीत के नाम पर भेजा गया है। मैंने उससे कहा कि मैं मुंबई में नहीं बल्कि दिल्ली में रहता हूं। तो वह बोला कि ओह लगता है कि आपकी आईडी का भी मिसयूज किया गया है। आप तुरंत इस पर पुलिस में शिकायत दर्ज कर दीजिए ताकि आगे आपके साथ कोई और फ्रॉड न हो। हम आपकी कॉल को कोलोबा पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर कर रहे हैं। फिर मेरी बात एक सब इंस्पेक्टर भूपेंद्र से हुई। वह बोले मैं कोलाबा पुलिस स्टेशन से बोल रहा हूं।
डॉक्यूमेंट मिसयूज के नाम पर डराया
पुलिस का नाम सुनते ही मैंने कहा- सर, मैं Delhi से हूं, मुझे पता चला है कि कोई मेरे नाम और डॉक्यूमेंट का गलत इस्तेमाल कर रहा है। मैं इसकी कंप्लेंट करना चाहता हूं। वह बोला कि आप मुंबई आ जाओ। मैंने कहा सर, मैं मुंबई नहीं आ सकता। क्या में ईमेल पर अपनी कंप्लेंट भेज सकता हूं। उन्होंने कहा कि हम Police Station के ऑफिशियल नंबर से आपको वीडियो कॉल करेंगे। हम आपको जैसा बोलें वैसा करना। कॉल कटते ही तुरंत मेरे पास एक वीडियो कॉल आता है। उस नंबर पर मुंबई पुलिस का फोटो लगा था। Video ऑन करते ही मेरे सामने मुंबई पुलिस की वर्दी में शख्स खड़ा था। दीवार पर मुंबई पुलिस का लोगो भी लगा हुआ था।
पुलिस वाले ने कहा कि ‘हम आपका ऑनलाइन बयान रिकॉर्ड करेंगे। आप जहां हैं, वहां का रोटेट करके व्यू दिखाइए। कोई भी रूम में नहीं होना चाहिए। क्योंकि इसमें रिकॉर्डिंग की जाएगी होगी। अगर कुछ भी गलत मिला या हुआ तो आपको सजा होनी पक्की है’। जैसा पुलिस वाले ने कहा मैंने वैसे ही किया। इसके बाद कॉल डिस्कनेक्ट हो गई और तुरंत ही दूसरे नंबर से डायरेक्ट कॉल आती है। Truecaller में कोलाबा पुलिस स्टेशन लिखा हुआ आता है। कॉल रिसीव करते ही खुद को एसआई बताने वाला शख्स बयान रिकॉर्ड करने लगता है। वह पूरी जांच करता है।
ALSO READ: ऐसे करें साइबर क्राइम की Online FIR
उसके चेहरे पर बात रिकॉर्ड होने का डर साफ दिखने लगता है। वह मुझसे मेरी उम्र, प्रॉपर्टी, फैमिली बैकग्राउंड, जॉब, सैलरी , बैंक अकाउंट, पेरेंट्स सें संबंधित अनेकों सवाल करता गया। मैंने सभी सवालों का जवाब दिया। तभी वह कहता है कि मुंबई में जो ड्रग्स पकड़ी गई है, वो बहुत ही High Profile बड़ा सिंडीकेट है। इसलिए पहले आपको मुंबई पुलिस हेडक्वार्टर में बात करनी पड़ेगी। हेडक्वार्टर में वे मुझे गिरफ्तार करने की बात करने लगे। मैंने कहा कि सर आपको कोई गलतफहमी हुई है। मैंने कुछ नहीं किया है। इतने में कोई ACP बोलता है कि जब हेडक्वार्टर से अरेस्ट वारंट इशू हो चुका है, तो फिर गिरफ्तार करने में इतनी देरी क्यों हो रही है।
इस दौरान एसआई भूपेंद्र कहता है कि आप मुझे सीधे लगते हो। आपकी आईडी का शायद सच में मिस यूज हुआ है। मैं आपको एक रास्ता बताता हूं। सरकार ने हाल ही में पब्लिक प्रॉसीक्यूटर अपॉइंट किए हैं जो आपकी इसमें मदद कर सकते हैं। मैं आपकी प्रॉसीक्यूटर से बात करवा देता हूं। वह उसी कॉल पर एक और कॉल जोड़ देता है। दूसरी तरफ से जुड़ने वाला खुद को एडवोकेट दीपक बताता है। वह कहता है, आप आज शाम छह बजे से पहले मुंबई हाईकोर्ट पहुंच जाओ।
अंतरिम जमानत के नाम मांगे पैसे
अभी कैसे? अभी ढाई बज रहे हैं। इतनी जल्दी मेरा आना संभव नहीं है। एडवोकेट बोला कि हम तुम्हारी एंटीसिपेटरी बेल का इंतजाम करा देते हैं। इसके लिए आपको मुंबई के अलग-अलग डिपार्टमेंट के बॉन्ड को खरीदना पड़ेंगा। बॉन्ड के लिए करीब 98900 रुपये तुरंत भेजने होंगे। उन्होंने बताया कि उन पैसों में से 97 हजार वापस आ जाएंगे और 1900 रुपये का चार्ज कटेगा। मैंने घबराहट में उनके द्वारा बोली गई पूरी रकम भेज दी। फिर दोबारा उसकी कॉल आई। वह कहता है कि आप दिल्ली में रहते हो इसलिए दिल्ली हाईकोर्ट में भी एंटीसिपेटरी बेल लगानी होगी।
वहा भी उतना ही पैसा बॉड खरीदने में लगेगा। मैंने फिर से वह रकम भेज दी। फिर लीगल ड्राफ्ट टाइपिंग के लिए 5800 रुपये की मांग की। मैंने वह भी जल्द से जल्द भेज दिए। इसके बाद कॉल कट गई। मैं कमरे से रोता हुआ बाहर निकला और मां को बताया कि मैं आज जेल चला जाता। बाल बाल बच गया। जब मैंने यह पूरा वाक्य परिवार को सुनाया तो उन्होंने कहा तुम्हारे साथ ठगी हुई है। लेकिन मैंझे भाई की बात पर बिल्कुल भी यकीन नहीं हुआ। फिर अहसास होने पर मैंने फिर से 1930 पर कॉल किया लेकिन किसी ने भी कॉल रिसीव नहीं किया और कुछ देर बाद उन्होंने मेरा नंबर ब्लॉक कर दिया। बाद में मैंने लोकल पुलिस में केस दर्ज कराया।
बता दें कि FedEx अंतरराष्ट्रीय कूरियर की एक बड़ी कंपनी है। FedEx पार्सल के नाम पर Cyber Fraud का नया ट्रेंड चला है। हमारे पास और मामले संज्ञान में आए हैं। अगर आपको किसी अनजान नंबर से कूरियर/पार्सल की कॉल आती है तो इग्नोर करें। किसी भी ऑप्शन पर बटन न दबाएं। कोई पर्सनल डिटेल साझा न करें। अपने निकटतम पुलिस स्टेशन को कॉल करें। 1930 या www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।
Follow The420.in on
Telegram | Facebook | Twitter | LinkedIn | Instagram | YouTube