क्राइम
Thailand में नौकरी का झांसा देकर Myanmar में 300 भारतीयों को बनाया बंधक, साइबर क्राइम कराने के साथ ही दी जा रही यातनाएं
दिन रात की मेहनत और लाखों रुपये पढ़ाई में खर्च कर रुपये कमाने के लिए विदेश में नौकरी का सपना देखते हैं। लगातार भारतीयों की विदेशी नौकरियों में बढ़ रही रुचि को जालसाज अपना भुनाने लगे हैं।
जालसाज विदेशों में नौकरी के नाम पर ठगी से लेकर वहां बंधक बनाने का मामला सामने आया है। जिसके बाद से बवाल मचा हुआ है। इसकी वजह एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि थाईलैंड में नौकरी का झांसा देकर बुलाये गये करीब 300 भारतीयों को म्यांमार में बंधकर रखा गया है। इतना ही नहीं आरोपी इन भारतीयों से साइबर फ्रॉड करा रहे हैं। इसका विरोध करने पर यातनाएं दी जा रही है। दिन के 15-15 घंटे के काम कराकर मारपीट की जा रही है।
दरअसल, एक अंग्रेजी अखबार की मानें तो थाईलैंड में नौकरी का झांसा देकर करीब 300 भारतीयों को वहां बुलाया गया। यहां से उन्हें म्यांमार के म्यावाडी ले जाकर गिरोह ने बंधक बना लिया है। बंधक भारतीयों में 60 युवक तमिलनाडु के बताये जा रहे हैं।
वहीं बंधक बनाये गये सभी युवकों से आरोपी 15-15 घंटों तक काम कराते हैं। उनसे साइबर फ्रॉड कराया जा रहा है। युवकों द्वारा इस काम का विरोध करने पर आरोपी उनके साथ मारपीट कर रहे हैं। इतना ही नहीं इलेक्ट्रिक शॉक देने से लेकर अलग अलग यातनाएं दी जा रही हैं। बंधक बनाये गये युवाओं में भारतीयों के साथ ही अन्य देश के लोग भी शामिल हैं। वहीं जिस इलाके में इन्हें बंधक बनाकर रखा गया है। वह म्यावाडी इलाका म्यांमार के नियंत्रण में नहीं है। बंधक बनाने वाले मलेशियाई चीनी बताये जा रहे हैं।
SOS मैसेज से लगा पता
बताया जा रहा है कि भारतीयों को म्यांमार में बंधक बनाकर साइबर फ्रॉड और मारपीट का पता आपातकालीन मैसेज एसओएस भेजे जाने पर लगा। तमिल बंधकों ने मैसेज के साथ ही अपने परिवारों को जैसे तैसे कर वीडियो भेजा। बंधक बनाकर युवकों पर किये जा रहे अत्याचारों को देखकर परिवार भी परेशान हैं।
उन्हें तमिलनाडु से लेकर केंद्र सरकार के मंत्रियों से युवाओं को बचाने की अपील की है। साथ ही बंधक बनाने के दौरान उन पर किये जा रहे अत्याचार और फ्रॉड की भी जानकारी दी गई है। इसी के बाद म्यांमार राजधानी यंगून में स्थित भारतीय दूतावास ने नौकरी के नाम पर झांसा देने वाले अपराधियों को चेतावनी दी है। साथ ही एक एडवाइजरी जारी की है।
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