क्राइम
पंजाब :बच्चों की आईडी Hack कर हो रही ठगी, अब पुलिस लेगी Cyber Crime से बचाव के लिए स्टूडेंट्स की क्लास
साइबर ठगों द्वारा साइबर क्राइम के जरिए लगातार बच्चों को अपना निशाना बनाने के मामले सामने आ रहे हैं। इसमें बच्चों के सोशल मीडिया पर अलग अलग एप्लीकेशन में बनी आईडी के जरिए उनसे संपर्क कर पासवर्ड (password) व ओटीपी (OTP) लेकर ठगी शामिल है। ऐसे मामले लगातार सामने आने के चलते पंजाब सरकार एक नया प्रोजेक्ट लाने जा रही है। इस प्रोजेक्ट के तहत राज्य पुलिस एक नई मुहिम शुरू करने जा रही है।
प्रोजेक्ट के अनुसार पुलिस स्कूलों व प्रमुख स्थलों पर जाकर कैंप लगाएगी। इसमें स्टूडेंट्स को शामिल किया जाएगा। उन्हें सेमिनार में आईटी व साइबर क्राइम संबंधी बारीकि से जानकारी देकर अवेयर किया जाएगा। ताकि, बच्चे इन ठगों से अपना समय रहते बचाव कर सके।
इसी के साथ बच्चों को गुड टच बैड टच और ट्रैफिक रूल्स के संबंध में सेमिनार करवाकर अवेयर किया जाएगा। आईटी एक्सपर्ट प्रितपाल सिंह गोहलवड़िया ने बताया कि आने वाले दिनों में जल्द इस पाठ को भी बच्चों को पढ़ाया जाएगा। इसके जरिए पुलिस को ठगों तक पहुंचने में भी सहायता मिलेगी।
कैंप में बच्चों को सोशल मीडिया पर एप इस्तेमाल करने की दी जाएगी जानकारी
जानकारी के मुताबिक विभाग की ओर से आईटी बेसिक नॉलेज थीम पर बच्चों को पढ़ाया जाएगा। इसमें उसने आईटी के संबंध में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। इसमें बच्चों को सोशल मीडिया पर एप इस्तेमाल करने, अज्ञात व्यक्ति को कोई भी जानकारी, ओटीपी व फोटो शेयर न करने, अज्ञात व्यक्ति द्वारा ठगी की कोशिश करने पर अपना बचाव करने के तरीकों संबंधी बताया जाएगा। ताकि अगर कोई बच्चे मौजूदा समय में किसी ठग के संपर्क में भी हो तो उनका बचाव हो सके।
एसपीसीटी (स्टूडेंट पुलिस क्रेडिट टीम) की ओर से स्टूडेंट्स व बच्चों को अवेयर किया जाएगा। इसके लिए कम्युनिटी अफेयर्स विंग की ओर से इस मुहिम को आगे बढ़ाया जाएगा। इसमें आउटरीच सैंटर के मुलाजिम भी शामिल होंगे। सैंटर के मुलाजिमों द्वारा पहले भी अवेयरनेस संबंधी सेमिनार करवाए जाते हैं। इसके चलते आगे भी उन्हें इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी। उनका लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा बच्चों को कवर करने का रहेगा। इसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी। फिर उसे सरकार के पास भेजा जाएगा। हालांकि इसी के साथ पुलिस सोशल मीडिया के जरिए भी बच्चों को अवेयर कर रही है।
ऐसे की जा रही ठगी
बच्चे सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट बनाए होते हैं। इसमें उनकी ओर से फोटो भी अपलोड की जाती है। उनके अकाउंट व फोटो देखकर साइबर ठग कम उम्र के समझकर उनसे बातें कर झांसे में फंसाते हैं। फिर बच्चों के साथ बातें कर उनके मोबाइल नंबर ले लेते हैं। इसी तरह उनसे ओटीपी व पासवर्ड ले लिया जाता है। जबकि कई बार बच्चों से उनके परिवार के नंबर, क्रेडिट कार्ड व अन्य जानकारी लेकर ओटीपी भेज उसे बच्चों के जरिए हासिल कर ठगी की जाती है।
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