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क्राइम

KYC Update के नाम पर फोन कॉल से रहें सावधान, मिनटों में खाली हो सकता है बैंक अकाउंट, बचाव के लिए अपनाएं ये तरीका

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Google Play Store Breeding Ground For KYC Scam? Delhi Police Exposes Threat In Video

यदि आपको भी फोन या बैंक का केवाईसी (know your customer) डीटेल्स को अपडेट करने के लिए फोन आता है, तो आगे बढ़ने से पहले दो बार जरूर सोच लें। साइबर फ्रॉड केवाईसी अपडेट के नाम पर लोगों को ठग रहे हैं और पिछले एक सप्ताह में चंडीगढ़ पुलिस के साइबर अपराध जांच सेल (cyber crime investigation cell) द्वारा ऐसे कम से कम पांच मामले दर्ज किए गए हैं।

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केवाईसी एक अनिवार्य सत्यापन प्रक्रिया है, जिसके द्वारा बैंक या मोबाइल सिम प्रदाता ग्राहकों की पहचान और पते के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं। इसे बैंकों द्वारा खाता खोलते समय किया जाता है और इसे समय-समय पर अपडेट भी किया जाता है। चंड़ीगढ़ के पुलिस अधीक्षक (साइबर) केतन बंसल के अनुसार साइबर अपराधी फोन कर खुद को बैंक कर्मचारी या मोबाइल कंपनी का कर्मचारी बताकर लोगों से केवाईसी अपडेट करने को कह रहे हैं। प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए, वे लोगों AnyDesk ऐप इंस्टॉल करने के लिए कहते हैं, जो उन्हें लोगों के डिवाइस का रिमोट एक्सेस मिल जाता है। फिर इसका इस्तेमाल धोखाधड़ी से पैसे निकालने के लिए किया जाता है।

ठग लोगों से कहते हैं कि उनका खाता बंद कर दिया गया है या केवाईसी अपडेट न करने पर इसे बंद कर दिया जाएगा। इसे लेकर बंसल ने कहा कि हम जनता से अपील करते हैं कि इस तरह के किसी भी संदेश या कॉल पर ध्यान न दें करें और अज्ञात नंबरों से शेयर किए गए किसी भी वेब लिंक पर क्लिक न करें।

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चंडीगढ़ पुलिस के साइबर अपराध प्रकोष्ठ के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुलिस को संदेह है कि ये धोखाधड़ी झारखंड के जामताड़ा से संचालित एक गिरोह की करतूत है, जिसने इस तरह के साइबर अपराधों में महारत हासिल कर ली है। साइबर क्राइम की शिकायतें हर गुजरते दिन के साथ बढ़ती जा रही हैं। पिछले एक महीने में विभिन्न साइबर अपराधों, विशेषकर धोखाधड़ी से संबंधित कम से कम 21 प्राथमिकी दर्ज की गईं। केवाईसी विवरण को अपडेट करने के बहाने वेब लिंक साझा करने के बाद ट्राजेक्शन करना ठगी का आम तरीका बन गया है।

पंजाब के राज्य साइबर अपराध के पुलिस उपाधीक्षक समरपाल सिंह के अनुसार, जालसाजों का पता लगाने और उन्हें पकड़ने में मुख्य चुनौती पहुंच है। ज्यादातर, उनके द्वारा उपयोग किए जाने वाले सर्वर देश के बाहर स्थित होते हैं। जामताड़ा जैसी जगहों से काम करने वालों के पास एक मजबूत नेटवर्क है और छापे मारने से पहले वे भागने में कामयाब होते हैं।

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ये मामले आए सामने
बीएसएफ कमांडेंट के पद से सेवानिवृत्त हुए 83 वर्षीय अग्रबीर सिंह ढिल्लों के साथ मोबाइल सिम कार्ड को अपडेट कराने के लिए केवाईसी के नाम पर एक 4.34 लाख रुपये की ठगी हुई। चंडीगढ़ के सेक्टर 35 के निवासी से 30 जनवरी को एक एसएमएस मिला, जिसमें उसे केवाईसी पूरा करने के लिए कहा गया था। ऐस नहीं करने पर सिम 24 घंटे के भीतर बंद होने की बात कही गई थी। अगले दिन, उन्हें एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को अपने मोबाइल सेवा प्रदाता का कर्मचारी बताया। कॉल करने वाले ने मोबाइल फोन पर AnyDesk ऐप इंस्टॉल करने और फिर डेबिट कार्ड का उपयोग करके ₹10 का भुगतान करने के लिए कहा। भुगतान करने के बाद, उनके बैंक खाते से तीन अलग-अलग ट्रांजेक्शन में 4.34 लाख रुपये निकाल लिए गए।

सेक्टर 18 निवासी 60 वर्षीय किरणजीत ढिल्लों को इसी तरह से ₹10 लाख का नुकसान हुआ। सेक्टर 24 निवासी बीएस वालिया के मामले में, ठगों ने उन्हें एक एसएमएस के माध्यम से एक लिंक भेजा, जिसमें दावा किया गया था कि उनका बैंक खाता बंद कर दिया गया है और उन्हें केवाईसी अपडेट करने की आवश्यकता है।
वालिया लिंक पर क्लिक करके साइट पर गए और केवाईसी को अपडेट करने का प्रयास किया, जिस पर उन्हें ओटीपी प्राप्त हुआ। इसके बाद उनके खाते से ₹25,500 निकाल लिए गए। इंडस्ट्रियल एरिया फेज 2 में एक होटल के मालिक हीरा लाल महाजन को कुछ हफ्ते पहले इसी तरह से ₹9.99 लाख का नुकसान हुआ था।

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इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए क्या करें:

  • कभी भी अपना खाता से जुड़ी जानकारी जैसे अकाउंट नंबर, लॉगिन आईडी, पासवर्ड, पिन, यूपीआई-पिन, ओटीपी, डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड डीटेल्स किसी के साथ शेयर न करें। बैंक अधिकारियों के साथ भी शेयर न करें।
  • केवाईसी अपडेट करने को लेकर मैसेज आए तो अपने बैंक या सिम कंपनी से संपर्क करें। हमेशा बैंक/एनबीएफसी/ई-वॉलेट सेवा देने वाली कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं या शाखा से संपर्क करें।
  • अपने फोन/डिवाइस में कोई भी अनजान ऐप डाउनलोड न करें। इससे अपकी डेटा चुराई जा सकती है।
  • ट्रांजेक्शन के लिए बारकोड/क्यूआर कोड को स्कैन करने या एमपिन की आवश्यकता नहीं होती है। इस प्रकार, यदि ऐसा करने के लिए कहा जाए तो सावधानी बरतें।
  • कभी भी संपर्क करने के लिए हमेशा बैंक/एनबीएफसी/ई-वॉलेट कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। गूगल से कॉन्टैक्ट नंबर लेने से धोखाधड़ी हो सकती हैं।
  • यदि आपकी जानकारी के बगैर ट्राजेक्शन के लिए ओटीपी आता है, तो तुरंत अपने बैंक/ई-वॉलेट कंपनी को सूचित करें।
  • अपने बैंक/ई-वॉलेट खाते से जुड़े अपने ईमेल का पासवर्ड साझा न करें।
  • अपने कार्ड सुरक्षित करें और लेनदेन के लिए दैनिक सीमा निर्धारित करें। यह धोखाधड़ी के कारण होने वाले नुकसान को कम कर सकता है।

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