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क्राइम

सावधान!कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच साइबर ठग सक्रिय, ओमिक्रॉन वैरिएंट की फ्री टेस्टिंग के नाम पर लोगों को लगा रहे चूना, गृह मंत्रालय ने किया सतर्क

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MHA Issues Advisory Against Cybercriminals Using Free Omicron Test To Lure Citizens

कोरोना काल में साइबर अपराध के मामलों में काफी इजाफा हुई है। पिछले साल जब अप्रैल मई में कोरोना की दूसरी लहर आई थी, तब साइबर ठगों ने इसका भरपूर फायदा उठाया था। बेतहाशा मरीजों की संख्या में वृद्धि के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई थी। ऑक्सीजन सीलडर से लेकर दवाओं और अस्पतालों में बेड तक के लिए लोग जूझ रहे थे। ऐसे में साइबर अपराधियों ने लोगों को खूब चूना लगाया था।

देश में एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और साइबर ठग एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। अब उन्होंने कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के नाम पर लोगों ठगना शुरू कर दिया है। ऐसे में गृह मंत्रालय (MHA) ने साइबर अपराध को लेकर एडवाइजरी जारी की है। देश में नए स्ट्रेन का मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसको देखते हुए साइबर ठगों ने लोगों को ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमण का पता लगाने के लिए फ्री टेस्टिंग के नाम पर ठगना शुरू कर दिया है।

गृह मंत्रालय के साइबर और सूचना सुरक्षा विभाग ने एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है, ‘ स्वास्थ्य संकट पर ध्यान केंद्रित होने के कारण साइबर सुरक्षा को ढिलाई बरती जा रही है। साइबर अपराधी इसका फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। साइबर अपराधी हमेशा लोगों को अपनी जाल में फंसाने के लिए नए तरीके आजमाते रहे हैं। आजकल ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके कारण उपजी स्थिति के मद्देनजर साइबर अपराधी भोले-भाले लोगों को ठगने के लिए विभिन्न हथकंडे अपना रहे हैं।

गृह मंत्रालय ने आगे बताया कि ठग ओमिक्रोन से संक्रमण का पता लगाने के लिए पीसीआर टेस्ट से संबंधित ईमेल भेजते हैं। इसमें ऐसे लिंक और फाइल होते हैं, जो लोगों का डेटा चुरा लेते हैं। मंत्रालय के अनुसार सरकारी और निजी स्वास्थ्य सेवाओं का नाम इस्तेमाल करके भोली-भाली जनता को ठगा जा रहा है। आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए लिंक पर क्लिक करते ही लोग ठगों द्वारा बनाई गई नकली वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं, जो सरकारी / निजी स्वास्थ्य सेवाओं की वेबसाइट जैसी ही प्रतित होती हैं।

साइबर अपराधी इसकी मदद से लोगो की निजि जानकारी और बैंक डीटेल्स हासिल कर लेते हैं और लोगों को चूना लगा देते हैं । सरकार ने लोगों को सलाह दी कि वेबसाइट असली है या नकली इसका पता लगाने के लिए डोमेन नाम और यूआरएल की जांच करें। cybercrime.gov.in पोर्टल पर ऐसी किसी भी घटना की रिपोर्ट करें।

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